What is an Option Trading

What is an Option Trading?

What is an Option Trading?

अगर आप शेयर बाजार में काम करते हैं तो, आपने फ्यूचर और ऑप्शन के बारे में जरूर सुना होगा। आप में से बहुत से लोग ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में जानते भी होंगे। कॉल और पुट में ट्रेडिंग भी किए होंगे। आज हम आसान भाषा में ऑप्शन ट्रेडिंग (What is an Option Trading) के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?

आज हम बात करने वाले हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है, जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, ऑप्शन का मतलब विकल्प होता है। आइए ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है, इसको समझने से पहले हम ऑप्शन क्या है यह समझते हैं। जैसा कि हम जानते हैं ऑप्शन का शाब्दिक अर्थ होता है, विकल्प। एक ऐसा विकल्प जहां पर एक खरीदार और एक विक्रेता (option buyer and option seller) के बीच एक अनुबंध (contract) होता है। जिसमें खरीदार के पास एक निर्धारित तिथि पर अंतर्निहित संपत्ति को खरीदने या बेचने का अधिकार होता है। लेकिन बाध्यता नहीं होता है। यह स्वतंत्र वित्तीय साधन नहीं है क्योंकि इसका मूल्य किसी दूसरे संपत्ति से प्राप्त होता है। इसलिए ऑप्शन को अपने स्टॉक या इंडेक्स को सुरक्षा (Hedge) के लिए उपयोग किया जाता है।

आइए इसे समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं, मान लीजिए एक प्लॉट आपने देखा जहां आधुनिकीकरण होने वाला है, और आप उस प्लॉट को खरीदना चाहते हैं। क्योंकि आप को ऐसा लग रहा है कि, इस प्लॉट की कीमत आने वाले कुछ महीनों के बाद बढ़ जाएगा पर इस प्लॉट को खरीदने के लिए पर्याप्त राशि आपके पास उपलब्ध नहीं है, लेकिन आने वाले कुछ महीनों में आपके पास पैसे किसी माध्यम से आ जाएंगे, और आप इस प्लॉट को लेना भी चाहते हैं तो, आप और उस प्लॉट विक्रेता के साथ एक समझौता करते हैं कि, आने वाले 5 महीने के अंत में यह प्लॉट आज ही के कीमत पर मैं खरीद लूंगा इस समझौते के लिए आप विक्रेता को एक निश्चित राशि देते हैं। जो कि विक्रेता के द्वारा मांग की जाती है अब इस समझौते में अगर खरीदार चाहे तो निर्धारित अवधि के अंत में प्लॉट की कीमत बढ़ जाने पर भी समझौते के समय जो प्लॉट की कीमत थी उतना ही कीमत देकर उस प्लॉट को खरीद सकता है। लेकिन अगर उस प्लॉट की कीमत किसी कारण बस नीचे चली जाती है तो खरीददार इसके लिए बाध्य नहीं होगा कि वह प्लॉट को खरीद ही ले लेकिन इस क्रम में खरीददार के द्वारा विक्रेता को दी हुई राशि जो समझौते के वक्त दी गई थी विक्रेता के द्वारा लौटाई नहीं जाती है।

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ऊपर दिए उदाहरण से दो बातें स्पष्ट हो जाती है कि, अगर कोई ऑप्शन बायर कोई ऑप्शन बाई करता है तो, उसके पास यह राइट होता है कि जो समझौता किया गया वह निष्पादित करें या नहीं करें। लेकिन सेलर उस समझौते के लिए कोई दबाव नहीं बना सकता। ऑप्शन खरीददार चाहे तो, उस समझौते को आगे ले जा सकता है या समझौते को रद्द कर सकता है। इसके लिए ऑप्शन विक्रेता खरीददार पर कोई दबाव नहीं बनाते हैं। इस समझौते में ऑप्शन खरीददार के द्वारा समझौते के वक्त दी गई राशि को विक्रेता खरीदार को पुनः लौटाता नहीं है।

आइए इसे और आसान भाषा में समझने के लिए एक और उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए SBIN शेयर का कीमत अभी ₹400 है, और आपको कहीं से जानकारी मिली है कि, कंपनी कुछ अच्छा करने जा रही है। जिसके कारण आपको ऐसा लगता है की, जून महीने के अंत तक इसकी कीमत 450 का हो जाएगा और आप चाहते हैं कि 1500 शेयर आप खरीदें पर आपके पास इतनी राशि नहीं है कि आप शेयर खरीद पाए तो कोई विक्रेता जो यह न्यूज़ के बारे में जानता है। पर उसे ऐसा लगता है कि, इस शेयर की कीमत जून महीने के अंत तक 450 रूपये नहीं जा पाएगा। तो विक्रेता खरीदार से समझौता करता है कि आप अभी समझौते के लिए 1500 का ₹10 के हिसाब से ₹15000 दे दीजिए अगर कीमत 450 चला जाता है तब भी मैं शेयर ₹400 के हिसाब से दे दूंगा। अब यहां समझने वाली बात यह है कि, अगर कीमत 450 नहीं जा पाती है तो खरीददार जो ₹10 प्रति शेयर के हिसाब से राशि विक्रेता को दिया था वह राशि शून्य हो जाएगी लेकिन अगर 450 कीमत चली जाती है तो विक्रेता उस स्टॉक को समझौते के अनुसार ₹400 प्रति शेयर में दे देता है इस तरीके से ऑप्शन बाई करने वाले को ₹40 प्रति शेयर के हिसाब से लाभ हो जाता है, और यदि स्टॉक की कीमत नीचे चली आती है तो समझौता के अनुसार खरीदार को कोई बाध्यता नहीं होती है कि वह स्टॉक को खरीद ही ले अगर वह चाहे तो खरीद सकता है। अन्यथा नहीं भी खरीद सकता विक्रेता उसे खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।

Tpye of option (Option के प्रकार)

Option Trading में ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं।

  • Call Option
  • Put Option

Call Option :- अभी हम लोगों ने option trading क्या है। इसके बारे में पढ़ा अब जानते हैं कि call option क्या है। अगर आप की जानकारी के अनुसार आपको ऐसा लगता है कि कोई स्टॉक या इंडेक्स की प्राइस एक अवधि के भीतर बढ़ जाएगी और आप इसका मुनाफा लेना चाहते हैं पर आपके पास पर्याप्त राशि नहीं है तो विक्रेता आपसे समझौते के लिए अग्रिम राशि चार्ज करती है जिससे आपको यह अधिकार मिलता है कि आप उस अंतर्निहित संपत्ति की डिलीवरी के समय सीमा के अंत में ले पाए पर कोई दायित्व नहीं होता। खरीदार द्वारा दिए अग्रिम राशि प्रीमियम कहलाती है। कीमत ऊपर जाने के लिए की गई समझौता को कॉल ऑप्शन कहते हैं। यह किसी स्टॉक या इंडेक्स को खरीदने का अधिकार देता है

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Call option buy करने वाले को call buyer कहां जाता है।

Call option sell करने वाले को option seller या option writer कहा जाता है।
Option trading

Put Option :- Put Option खरीदने का मतलब आप किसी एसेट को बेचने का अधिकार प्राप्त कर रहे हो। यहां जब आपको ऐसा लगता है कि, किसी एसेट का कीमत नीचे गिरने वाला है ऐसी स्थिति में आप पुट ऑप्शन खरीद लेते हो यहां अगर स्टॉक या इंडेक्स का कीमत निश्चित अवधि में नीचे चली जाती है तो पुट ऑप्शन बायर को लाभ हो जाता है।

Put Option buy करने वाले को Put Option buyer कहते है।

Put Option sell करने वाले को put Option seller या put Option writer कहते हैं।

अब हम लोग ने ऑप्शन को भलीभांति समझ चुके हैं अगर हमें मार्केट में तेजी के लिए ट्रेड करना है तो, कॉल ऑप्शन खरीदते हैं। और अगर बाजार में मंदी के लिए ट्रेड करना है तो, पुट ऑप्शन को खरीदते हैं। ऑप्शन का उपयोग अपने पोजीशन को हेज( Hedge) करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। ऑप्शन अपने आप में एक बहुत बड़ा सब्जेक्ट है इसका उपयोग लोग अलग-अलग स्ट्रेटजी बनाकर काम करने के लिए करते हैं।

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